आरती श्रीवास्तव देंगी कत्थक नृत्य की प्रस्तुति
जिला पर्यटन संवर्धन परिषद मंडला और रजा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में युवाओं की शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य श्रंखला आरंभ – 3 का आयोजन 25 नवंबर से होने जा रहा है। इसके पहले आरंभ मंडला के 2 सफल आयोजन किये जा चुके हैं। आरंभ मंडला – 3 के तहत 25 नवंबर 2019 की शाम 7:00 बजे ज्ञानदीप इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल मंडला में युवा कथक नृत्यांगना आरती श्रीवास्तव कत्थक नृत्य प्रस्तुत करेंगी इसके अलावा 26 नवंबर 2019 की सुबह 9:00 बजे भारत ज्योति स्कूल मंडला और 26 नवंबर 2019 की शाम पॉलिटेक्निक कॉलेज मंडला में आरती कत्थक नृत्य का प्रदर्शन सह कार्यशाला का आयोजन करेंगी। इसी कड़ी में 27 नवंबर 2019 की सुबह 9:00 बजे केंद्रीय विद्यालय मंडला, 27 नवंबर 2019 की दोपहर नवोदय विद्यालय पदमी, 28 नवंबर 2019 की सुबह 9:00 बजे रानी अवंती बाई स्कूल में आरती श्रीवास्तव कथक नृत्य की प्रस्तुति के साथ-साथ छात्र छात्राओं को कथक की बारीकियों से भी अवगत करायेगी। ज्ञान दीप के अलावा अन्य स्कूल व कॉलेज में आयोजित कर्यक्रम तो केवल संस्था में अध्यनरत छात्र – छात्राओं के लिए ही होगा लेकिन दीप में आयोजित कार्यक्रम में शास्त्रीय नृत्य व संगीत प्रेमी उपस्थित होकर इसका रसास्वादन कर सकेंगे। जिला पर्यटन संवर्धन परिषद मंडला और रजा फाउंडेशन ने 25 नवंबर 2019 की शाम 7:00 बजे ज्ञानदीप स्कूल में आयोजित होने वाले कत्थक नृत्य के दौरान लोगों से उपस्थित होने की अपील की है।
रज़ा फाउंडेशन के सदस्य सचिव संजीव चौबे ने बताया कि कलेक्टर मंडला डॉ. जगदीश चंद्र जटिया के मार्गदर्शन में मंडला जिले में फाउंडेशन की गतिविधियों में लगातार विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंडला में कथक नृत्य के लिए आ रही आरती श्रीवास्तव एक युवा और होनहार कथक नर्तकी है। आरती ने 10 वर्ष की आयु से ग्वालियर में नृत्य की शिक्षा लेना प्रारंभ कर दिया था। इन्होंने अपनी गुरु सुश्री प्रेरणा श्रीमाली के कुशल मार्गदर्शन में दिल्ली कथक केंद्र से अपना पोस्ट डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। इसके अलावा खैरागढ़ विश्वविद्यालय से नृत्य में एमए किया। इन्होंने अपनी गुरु की प्रमुख नृत्य रचनाओं सप्तावर्त, विवक्षा, नृत्य राग, नचत सुगांध आदि में भाग लिया है। आरती ने रजा फाउंडेशन दिल्ली द्वारा आयोजित उत्तराधिकार फेस्टिवल में एकल नृत्य प्रस्तुत किया है। आरती अपनी गुरु के साथ विभिन्न कार्यशाला (स्पिक मैके) और सेमिनारओं में शामिल हुई हैं। आरती दिल्ली के साथ साथ अगरतला, त्रिपुरा, चंडीगढ, भोपाल, औरंगाबाद, जयपुर, कोयंबटूर, भुवनेश्वर में अपने नृत्य का प्रदर्शन क्र चुकी है। आरती भारतीय परंपरा में बहुत विश्वास रखती हैं और कथक में नए विचारों की खोज करना चाहती हैं। वर्तमान में वह अपनी गुरु सुश्री प्रेरणा श्रीमाली के सानिध्य में त्रिवेणी कला संगम दिल्ली में गुरु की नृत्य कक्षाओं में सहयोग कर रही हैं।